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Prime Minister Modi ने कहा, ‘हम सहमति के लिए काम करेंगे, उम्मीद है विपक्ष ‘लोकतांत्रिक शिष्टाचार’ बनाए रखेगा’

Prime Minister Modi said, 'We will work for consensus, hope the opposition will maintain 'democratic etiquette'

Prime Minister Modi ने हाल ही में 18वीं लोकसभा के पहले दिन अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने संसद सत्र की शुरुआत से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार “सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह सहमति बनाने का प्रयास करेगी”। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लोग एक “अच्छा और जिम्मेदार” विपक्ष चाहते हैं जो “नारेबाजी के बजाय सामग्री” पर आधारित हो और जो “नाटक और अवरोध” में लिप्त न हो।

विपक्ष की भूमिका और अपेक्षाएं

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि लोग एक जिम्मेदार विपक्ष चाहते हैं जो संसद में सार्थक बहस करे और नारेबाजी और अवरोध से बचें। उन्होंने विपक्ष से लोकतांत्रिक शिष्टाचार बनाए रखने की उम्मीद जताई और कहा कि संसद में बहस और परिश्रम की आवश्यकता है।

कांग्रेस पर निशाना

Prime Minister Modi ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि देश आपातकाल के थोपने के 50वीं वर्षगांठ में प्रवेश करेगा। उन्होंने कहा, “यह हमारा प्रयास होगा कि हम फिर कभी ऐसे दिन न देखें,” जो उस समय की इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने लागू किया था।

संसद सत्र की शुरुआत

संसद सत्र की शुरुआत से पहले, विपक्षी सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए और भारतीय संविधान की प्रतियां उठाते हुए नारे लगाए कि वे इसे संरक्षित करेंगे। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति से लेकर नीट परीक्षा के मुद्दों तक, विपक्ष और खजाना इस पहले सत्र से ही युद्ध मुद्रा में हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव

Prime Minister Modi ने 2024 के लोकसभा चुनाव के जनादेश को अपने दृष्टिकोण से समझाते हुए कहा, “लोगों ने इस सरकार के इरादों और नीतियों पर अपनी मुहर लगाई है।” उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारियां तीन गुना बढ़ गई हैं। मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक काम करेंगे और तीन गुना अधिक प्रदान करेंगे।”

बहुमत और सहमति

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता हो सकती है लेकिन देश सहमति पर चलता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हमेशा “सभी को साथ लेकर चलने और देश की सेवा करने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सहमति बनाने का प्रयास करेगी।”

Prime Minister Modi : नए संसद भवन में शपथ ग्रहण

Prime Minister Modi ने कहा कि यह गर्व की बात है कि नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह पहली बार नए संसद भवन में हो रहे हैं। उन्होंने इस दिन को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

‘श्रेष्ठ भारत’ और ‘विकसित भारत’ के सपने

Prime Minister Modi ने कहा कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र देश को “एक नई गति और ऊंचाई देने” का अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा, “यह ‘श्रेष्ठ भारत’ और ‘विकसित भारत’ बनाने के सपनों और संकल्पों से भरा होगा।”

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ

प्रधानमंत्री ने 25 जून को पड़ने वाली आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ की ओर भी ध्यान दिलाया और इसे भारतीय लोकतंत्र पर ‘काला धब्बा’ बताया जब संविधान की अवहेलना की गई थी। उन्होंने कहा, “कल 25 जून है। भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं की गरिमा के प्रति समर्पित लोगों के लिए, यह एक ऐसा दिन है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

सरकार की प्रतिबद्धता

Prime Minister Modi ने देश को अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन देते हुए कहा, “मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना मेहनत करेगी और तीन गुना अधिक प्रदान करेगी।”

युवा सांसदों की भूमिका

प्रधानमंत्री ने युवा सांसदों की महत्वपूर्ण उपस्थिति को भी स्वीकार किया और उनके राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में उनकी भूमिका को उजागर किया।

संसद सत्र का महत्व

पहला सत्र, जो 3 जुलाई तक चलेगा, प्रधानमंत्री मोदी की तीसरे कार्यकाल की योजनाओं का पूर्वावलोकन देने की उम्मीद है। यह 2014 से खाली पड़े विपक्ष के नेता के पद पर राहुल गांधी की औपचारिक नियुक्ति को भी देखेगा।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में संसद सत्र की शुरुआत में विपक्ष की जिम्मेदार भूमिका पर जोर दिया और सहमति की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ का उल्लेख किया और देश को उनकी सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने युवा सांसदों की भूमिका को महत्व देते हुए ‘श्रेष्ठ भारत’ और ‘विकसित भारत’ के सपनों को पूरा करने के लिए सभी को साथ लेकर चलने की बात कही। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

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