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Panchayat Season 3 Review : A web series on village Politics & Best dialogue, Earn 13 million views

Panchayat Season 3 Review : A web series on village Politics & Best dialogue is trending on Number 1 IMBD in Indian Web series and this show is only Indian show make a mark on global list .

Panchayat Season 3 Release on 28 May

Panchayat Season 3 Review
image credit – Times of india

Panchayat web series का मुख्य आकर्षण इसका गाँव-केन्द्रित कथानक है, जहाँ फुलेरा गाँव को मुख्य किरदार के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस सीरीज में जितेन्द्र कुमार के सचिव जी, नीना गुप्ता की प्रधान जी, और रघुबीर यादव के प्रधान जी जैसे पात्र फुलेरा गाँव के इर्द-गिर्द घूमते हैं।

यह गाँव दर्शकों के दिलों में विशेष स्थान बना चुका है क्योंकि भारत में गाँव समाज और समुदायों की प्राथमिक इकाई होती है।

गाँवों में जीवन की सादगी, संबंधों की गहराई और भावनाओं की विशुद्धता से अधिकांश लोग जुड़ाव महसूस करते हैं। फुलेरा गाँव, अपनी विशेषताएं और समस्याओं के साथ, भारतीय समाज की वास्तविकता को प्रतिबिंबित करता है, जिससे दर्शकों को पुरानी यादों और संबंधों का एहसास होता है।

यह ग्रामीण परिवेश न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि दर्शकों को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का एक माध्यम भी है। चाहे लोग कितनी भी दूर चले जाएं, गाँव की यादें और वहां का जीवन हमेशा उनके दिलों में बसा रहता है। फुलेरा गाँव इसी नॉस्टेलजिया और जुड़ाव को पुनर्जीवित करता है, जिससे यह शो देश के बड़े हिस्से के दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रहा है।

इस प्रकार, Panchayat की सफलता का एक बड़ा कारण उसका गाँव-केंद्रित दृष्टिकोण है, जो दर्शकों को अपनी जड़ों और मूल्यों से जोड़ता है और उन्हें एक भावनात्मक यात्रा पर ले जाता है।

Panchayat Season 3 Review : Best Casting

फुलेरा में प्रत्येक किरदार का अपना एक अलग आर्क है, जो गाँव में रहने वाले हर व्यक्ति को महत्वपूर्ण बनाता है। चाहे वह बाहरी व्यक्ति सचिव जी हो या अंदरूनी निवासी बिनोद, हर एक किरदार की अपनी कहानी और महत्व है।

अम्मा जी और प्रह्लाद चाचा जैसे पात्र अपने-अपने तरीके से दर्शकों के दिलों में जगह बनाते हैं। यहां तक कि गांव के दामाद गणेश, जिसे आसिफ खान (मिर्जापुर के बाबर) ने निभाया है, भी अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है। फुलेरा का हर पात्र महत्वपूर्ण है, और सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदार को पूरी निपुणता के साथ निभाया है, जिससे वे सभी यादगार बन गए हैं।

पंचायत की यही खूबी है कि यह केवल मुख्य किरदारों पर ही नहीं, बल्कि सहायक किरदारों पर भी विशेष ध्यान देती है। यह सीरीज दर्शकों को यह महसूस कराती है कि गाँव का हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है और उसकी अपनी एक अलग कहानी है। कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण ये सभी किरदार दर्शकों के दिलों में बस गए हैं और सराहे जा रहे हैं।

फुलेरा के प्रत्येक पात्र की अपनी पहचान और महत्व है, जो इस सीरीज को और भी खास बनाता है। यही कारण है कि पंचायत के सभी किरदार, चाहे छोटे हों या बड़े, दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बना चुके हैं।

Panchayat Season 3 Review : The Heartfelt Dialogue

पंचायत की लेखनी इसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है। तीसरे सीजन के संवाद इतनी तेजी से वायरल हो रहे हैं कि वे दर्शकों के बीच खास पहचान बना रहे हैं। प्रह्लाद चाचा का संवाद “समय से पहले कोई कहीं नहीं जाएगा, कोई नहीं मतलब कोई नहीं” और अम्मा का “अंदर से मन अच्छा नहीं लग रहा है” अब अलग ही फैन बेस हासिल कर चुके हैं।

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