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Is Ayodhya in Trouble ? Ayodhya E-Rikshaw Drivers Says Earns Rs 200-250 Daily is Hard After Elections Results

Is Ayodhya in Trouble ? Ayodhya E-Rikshaw Drivers Says getting Rs 200-250Daily is Hard After Elections Results उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ई रिक्शा चालक का कहना है कि विधान सभा चुनाव के बाद अयोध्या में 200-500 रुपये कमाना मुश्किल हो गया | क्या इस चुनाव के नतीजों के कारण हुआ ?

Is Ayodhya in Trouble ? Ayodhya E-Rikshaw Drivers Says  Earns Rs 200-250 Daily is Hard After Elections Results
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Is Ayodhya in Trouble -क्या अयोध्या संकट में है ?

योध्या के ई-रिक्शा चालक कहते हैं कि चुनाव परिणामों के बाद प्रतिदिन 200-250 रुपये कमाना मुश्किल हो गया है

हाल ही में हुए चुनाव परिणामों के बाद अयोध्या के ई-रिक्शा चालकों को अपनी आमदनी में भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। पहले जहाँ वे प्रतिदिन 500-800 रुपये कमा लेते थे, अब 200-250 रुपये कमाना भी कठिन हो गया है।

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Is Ayodhya in Trouble – महत्वपूर्ण कारण

आमदनी में गिरावट

चुनाव परिणामों का प्रभाव: चुनाव के बाद अस्थिरता और अनिश्चितता ने स्थानीय व्यवसायों को प्रभावित किया है।

आगंतुकों की कमी: अयोध्या में पर्यटकों और आगंतुकों की संख्या में कमी आई है, जिससे ई-रिक्शा चालकों की आमदनी पर असर पड़ा है।

आमदनी का अंतर: पहले जहाँ ई-रिक्शा चालक प्रतिदिन 500-800 रुपये कमा लेते थे, अब 200-250 रुपये कमाना भी मुश्किल हो गया है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: अगर यह स्थिति जारी रहती है, तो अयोध्या और अन्य क्षेत्रों की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आगंतुकों की संख्या में कमी

अयोध्या में हाल ही में हुए चुनाव परिणामों के बाद आगंतुकों की संख्या में कमी आई है, जिससे स्थानीय व्यवसाय और ई-रिक्शा चालक प्रभावित हुए हैं

चुनाव परिणामों का प्रभाव: चुनाव के बाद की अस्थिरता और अनिश्चितता के कारण आगंतुकों की संख्या में गिरावट देखी गई है।

पर्यटन पर असर: अयोध्या एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। लेकिन चुनाव के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।

आमदनी में गिरावट: आगंतुकों की संख्या में कमी के कारण ई-रिक्शा चालकों और अन्य स्थानीय व्यवसायों की आमदनी में भी भारी गिरावट आई है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: आगंतुकों की संख्या में कमी से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे व्यवसायों को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है

आमदनी का अंतर:

अयोध्या में ई-रिक्शा चालकों की आमदनी में चुनाव परिणामों के बाद भारी अंतर देखा गया है।

पहले की आमदनी: चुनाव परिणामों से पहले, ई-रिक्शा चालक प्रतिदिन 500-800 रुपये तक कमा लेते थे।

वर्तमान स्थिति: अब चुनाव परिणामों के बाद, प्रतिदिन 200-250 रुपये कमाना भी मुश्किल हो गया है।

कारण: आगंतुकों और पर्यटकों की संख्या में कमी के कारण यह गिरावट हुई है, जो चुनाव के बाद की अस्थिरता और अनिश्चितता का परिणाम है।

प्रभाव: इस आमदनी के अंतर ने ई-रिक्शा चालकों की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाला है, जिससे उनके लिए दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन हो गया है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

आमदनी में गिरावट: चुनाव परिणामों के बाद ई-रिक्शा चालकों और अन्य स्थानीय व्यवसायों की आमदनी में भारी गिरावट आई है। पहले जहाँ ई-रिक्शा चालक प्रतिदिन 500-800 रुपये कमा लेते थे, अब 200-250 रुपये कमाना भी मुश्किल हो गया है।

आगंतुकों की संख्या में कमी: चुनाव के बाद अयोध्या में पर्यटकों और आगंतुकों की संख्या में कमी आई है। इससे स्थानीय बाजारों, होटलों, और परिवहन सेवाओं को नुकसान हुआ है।

व्यापार पर असर: आगंतुकों की कमी से स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों की बिक्री में गिरावट आई है, जिससे उनकी आय प्रभावित हुई है।

रोजगार के अवसरों में कमी: आमदनी में गिरावट और व्यापार में कमी के कारण स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी घटे हैं। कई लोगों को अपने रोज़गार की सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है।

अनिश्चितता और अस्थिरता: चुनाव परिणामों के बाद की अस्थिरता और अनिश्चितता ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को और भी प्रभावित किया है। लोगों में भविष्य को लेकर चिंता बढ़ रही है, जिससे खर्च और निवेश में कमी आ रही है।

लोकसभा चुनाव परिणाम का असर

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव परिणामों ने उनके पहले से ही फलते-फूलते व्यवसाय पर छाया डाल दी है। अयोध्या के अंतर्गत आने वाले फैजाबाद में भाजपा उम्मीदवार की हार के बाद शहर का माहौल बदल गया है।

अपने पार्क किए हुए रिक्शों के पास खड़े ड्राइवरों ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की घटती संख्या पर चिंता जताई। उन्होंने बताया, “लोग राम मंदिर और हनुमानगढ़ी जैसे स्थानों पर बैठे हैं, लेकिन अभी यहाँ कोई तीर्थयात्री नहीं हैं।” आगंतुकों की अनुपस्थिति का मतलब कम सवारियाँ थीं, जिसका सीधा असर उनकी आमदनी पर पड़ा।

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