हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो गई, जिसमें कहा गया कि प्रसिद्ध गायक Sonu Nigamने अयोध्या के मतदाताओं पर बीजेपी को समर्थन नहीं देने के लिए निशाना साधा। इस पोस्ट ने इंटरनेट पर खलबली मचा दी और कई लोग इस बात को सच मानने लगे। लेकिन क्या वास्तव में सोनू निगम ने ऐसा कुछ कहा? आइए जानते हैं इस वायरल पोस्ट के पीछे की सच्चाई।
पोस्ट का स्रोत और वायरल होना
जिस सरकार ने पूरे अयोध्या को चमका दिया, नया एयरपोर्ट दिया, रेलवे स्टेशन दिया, 500 सालों के बाद राम मंदिर बनवाकर दिया, पूरी की पूरी एक टेंपल इकोनॉमी बनाकर दी उस पार्टी को अयोध्या जी सीट पर संघर्ष करना पड़ रहा है।
— Sonu Nigam (@SonuNigamSingh) June 4, 2024
शर्मनाक है अयोध्यावासियों!
सोशल मीडिया पर वायरल हुई पोस्ट में लिखा था, “जिस सरकार ने पूरी अयोध्या को सुंदर बनाया, नया हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन दिया, 500 साल बाद राम मंदिर बनाया, एक पूरी मंदिर अर्थव्यवस्था बनाई, उस पार्टी को अयोध्या सीट के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। अयोध्या के लोग शर्मिंदा हैं!” यह पोस्ट X (पूर्व में ट्विटर) पर सोनू निगम सिंह नामक उपयोगकर्ता ने डाली थी, जिसने गायक सोनू निगम के नाम से मिलते-जुलते नाम का उपयोग किया था।
Sonu Nigam सिंह कौन हैं?
सोनू निगम सिंह एक आपराधिक वकील हैं और उनका ट्विटर हैंडल सोनू निगम से मिलता-जुलता है। इस हैंडल का विवरण पढ़ने पर पता चलता है कि यह व्यक्ति बिहार का निवासी है और गायक सोनू निगम से कोई संबंध नहीं रखता। लेकिन नाम की समानता के कारण लोग भ्रमित हो गए और मीडिया के एक वर्ग ने इसे गायक सोनू निगम की टिप्पणी के रूप में रिपोर्ट कर दिया।
मीडिया में खबरें और Sonu Nigam की प्रतिक्रिया
एक बार जब यह पोस्ट वायरल हुई, तो कई समाचार चैनलों और वेबसाइटों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिससे यह धारणा बनी कि गायक सोनू निगम ने वास्तव में अयोध्या के मतदाताओं पर टिप्पणी की है। इस पर सोनू निगम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे आश्चर्य होता है कि लोग, जिसमें समाचार चैनल भी शामिल हैं, जिन्होंने उसे मुझसे गलती से जोड़ा, ने खाता विवरण पढ़कर अपनी बुनियादी समझदारी की जाँच क्यों नहीं की।”
गायक Sonu Nigam का स्पष्टीकरण

सोनू निगम ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि उन्होंने इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने कहा, “यह वह प्रकार की बुराई है जिसने मुझे सात साल पहले ट्विटर छोड़ने पर मजबूर किया। मैं सनसनीखेज राजनीतिक टिप्पणियाँ करने में विश्वास नहीं रखता और मैं केवल अपने काम पर ध्यान केंद्रित करता हूँ।” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की अफवाहें न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवार की सुरक्षा के लिए भी चिंताजनक हैं।
गलतफहमी के कारण
इस प्रकार की घटनाओं का मुख्य कारण सोशल मीडिया पर जानकारी का बिना जांचे-परखे फैलना है। लोग अक्सर किसी भी जानकारी को बिना सत्यापित किए साझा कर देते हैं, जिससे अफवाहें फैलती हैं। इसके अलावा, मीडिया के कुछ वर्ग द्वारा भी बिना सही जानकारी के खबरें प्रकाशित करना इस समस्या को और बढ़ा देता है।

सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी
सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम है, लेकिन इसका सही उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है। उपयोगकर्ताओं को किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा, मीडिया को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले उसकी जांच-पड़ताल करनी चाहिए।
सोनू निगम की टीम की कार्रवाई
सोनू निगम की टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता से संपर्क किया। सोनू ने बताया, “मेरी टीम ने उससे संपर्क किया और उसके हैंडल नाम को ठीक करने और मेरे होने का नाटक बंद करने पर जोर दिया, क्योंकि लाखों लोग मेरे उपनाम के उपयोग से गुमराह हो रहे हैं। मुझे यकीन है कि हम इसे ठीक करने का तरीका ढूंढ लेंगे।”
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर फैली गलतफहमियों और अफवाहों के कारण गायक सोनू निगम को निशाना बनाया गया, जबकि असली पोस्ट किसी और ने की थी। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि सोशल मीडिया पर जानकारी की सत्यता की जांच कितनी महत्वपूर्ण है। हमें चाहिए कि हम किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी जांच करें और अफवाहों से बचें। इसी में हमारी और समाज की भलाई है।
इस पूरी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया पर वायरल होती खबरों की सत्यता की जांच करना बेहद जरूरी है। सोनू निगम जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी इससे परेशानी हो सकती है, तो आम जनता का क्या हाल होगा, इसकी कल्पना भी मुश्किल है। इसलिए, हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और सोशल मीडिया का सही उपयोग करना चाहिए।
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