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“China Proposes Shangri-La Community, While Threatening Taiwan with ‘Destruction'” [8-June]

“China Proposes Shangri-La Community, While Threatening Taiwan with ‘Destruction'”

"China Proposes Shangri-La Community, While Threatening Taiwan with 'Destruction'"
Image credit – CNN news

चीन भारत (रायसीना डायलॉग) और पश्चिमी देशों में उच्च स्तरीय सम्मेलनों से अनुपस्थित रहा है, लेकिन शांगरी-ला डायलॉग उसका क्षेत्रीय स्थिति व्यक्त करने का पसंदीदा मंच बना हुआ है।

“चीन ने शांगरी-ला समुदाय बनाने का प्रस्ताव रखा, जबकि ताइवान को ‘विनाश’ की धमकी दी”

China Proposes Shangri-La Community

China : चीन ने हाल ही में शांगरी-ला संवाद में एक नए समुदाय की स्थापना का प्रस्ताव रखा है, जिसे ‘शांगरी-ला समुदाय’ कहा जा रहा है। इसके साथ ही, चीन ने ताइवान के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ताइवान ने स्वतंत्रता का प्रयास किया, तो उसे ‘विनाश’ का सामना करना पड़ेगा।

यह बयान चीन की विदेश नीति और क्षेत्रीय स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। शांगरी-ला संवाद चीन के लिए अपनी क्षेत्रीय रणनीतियों को व्यक्त करने का महत्वपूर्ण मंच बन गया है।

31 मई से 2 जून तक सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला संवाद में, चीन की प्रमुख उपस्थिति ने चर्चा और रणनीतिक ध्यान आकर्षित किया। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड “बोंगबोंग” रोमुएल्डेज़ मार्कोस जूनियर से लेकर अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की तक, सभी ने अपने वक्तव्यों में चीन का विशेष रूप से उल्लेख किया।

“China Proposes Shangri-La Community, While Threatening Taiwan with ‘Destruction'”

Video credit – FirstPost (YOUTUBE)

अंतर्राष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (IISS) द्वारा आयोजित यह वार्षिक संवाद वैश्विक नेताओं के लिए अपनी विदेश और सुरक्षा रणनीतियों को स्पष्ट करने का एक प्रमुख मंच है।

2018 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण का अनावरण किया था, जिसमें भारत की इंडो-पैसिफिक नीति ढांचे के भीतर ASEAN की केंद्रीयता को उजागर किया गया था।

डोंग ने साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की चीन की दृष्टि को बढ़ावा दिया, जो ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव, ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव और ग्लोबल सिविलाइजेशन इनिशिएटिव जैसी पहलों के साथ मेल खाता है।

China Proposes Shangri-La Community

हालांकि, पश्चिमी देशों और यूक्रेन के दृष्टिकोण डोंग के दावों से काफी अलग थे, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने तो चीन को यहां तक ​​कहा कि वह [रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर] पुतिन के हाथों का उपकरण है।

विशेष रूप से, इस साल फिलीपींस के राष्ट्रपति के मुख्य भाषण में ‘दक्षिण चीन सागर में शांतिपूर्ण और स्थिर भविष्य के लिए ASEAN की भूमिका’ को प्रमुखता से उजागर किया गया, जबकि इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियों की भी जांच की गई।

संवाद ने स्पष्ट विभाजन दिखाया: एक ओर, चीन ने ताइवान पर विशेष जोर दिया, देशों को हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी, और खुद को एक वैश्विक जिम्मेदार हितधारक के रूप में प्रस्तुत किया।

दूसरी ओर, कुछ क्षेत्रीय देशों, अमेरिका और यूक्रेन ने चीन की नीतियों के प्रति अपनी असंतुष्टि व्यक्त की।

Chinese discourse in Favour of DongChina Proposes Shangri-La Community

डोंग के समर्थन में चीनी विमर्श का अवलोकन

डोंग ने शांगरी-ला संवाद में साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की चीन की दृष्टि को जोर-शोर से प्रस्तुत किया। यह दृष्टि ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव, ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव और ग्लोबल सिविलाइजेशन इनिशिएटिव जैसी पहलों के साथ संगत है। चीन के इस दृष्टिकोण का उद्देश्य विश्वभर में सहयोग, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

डोंग ने अपने भाषण में ताइवान, दक्षिण चीन सागर और वैश्विक शक्ति संतुलन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चीन की नीतियों और रुख को मजबूती से पेश किया। उन्होंने ताइवान के मुद्दे पर चीन की संप्रभुता पर जोर दिया और बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी। इसके साथ ही, उन्होंने चीन को एक जिम्मेदार वैश्विक हितधारक के रूप में प्रस्तुत किया, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है।

चीन के इस दृष्टिकोण को समर्थन देने वालों का मानना है कि यह न केवल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बल्कि विश्व स्तर पर भी स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देगा। उनके अनुसार, चीन की पहलें वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं और इन्हें व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलना चाहिए।

China’s preferred choices of platforms“China Proposes Shangri-La Community

चीन के पसंदीदा मंचों का Overview

चीन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी क्षेत्रीय और वैश्विक नीतियों को स्पष्ट करने और प्रचारित करने के लिए विभिन्न मंचों का उपयोग करता है। इनमें से कुछ प्रमुख मंच हैं:

  1. शांगरी-ला संवाद: सिंगापुर में आयोजित इस वार्षिक संवाद में चीन की उपस्थिति प्रमुख होती है। यह मंच चीन के लिए अपनी सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीतियों को व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। शांगरी-ला संवाद में चीन अपनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं, विशेष रूप से ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर अपने रुख को स्पष्ट रूप से रखता है।
  2. ब्रिक्स सम्मेलन: ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के इस समूह के माध्यम से चीन वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्थिति को मजबूत करता है। ब्रिक्स मंच का उपयोग चीन विकासशील देशों के साथ सहयोग बढ़ाने और बहुपक्षीयता को बढ़ावा देने के लिए करता है।
  3. बेल्ट एंड रोड फोरम: चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को प्रचारित करने के लिए यह मंच प्रमुख है। BRI के माध्यम से चीन वैश्विक व्यापार और बुनियादी ढांचे के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है और विभिन्न देशों के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देता है।
  4. एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन: APEC मंच का उपयोग चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक सहयोग और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के लिए करता है। इस मंच पर चीन अपने आर्थिक नीतियों और विकास मॉडल को प्रस्तुत करता है।
  5. संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों का उपयोग चीन अंतर्राष्ट्रीय कानून, जलवायु परिवर्तन, शांति स्थापना और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर अपनी नीतियों को पेश करने के लिए करता है। संयुक्त राष्ट्र में चीन की स्थायी सदस्यता उसे वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देती है।

इन मंचों के माध्यम से, चीन अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत करने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और अपनी राष्ट्रीय नीतियों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का प्रयास करता है।

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